अभी हाल में पश्चिम बंगाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वर्धमान जिले के टीएमसी नेता एक मीटिंग में कह रहे हैं कि दूसरी पार्टी की एक महिला लेडी को गांजा, चरस रखने के झूठे आरोप में फंसाकर जेल भिजवा दो। क्या भारत के किसी भी राज्य में ऐसा संभव है कि छाती ठोककर कोई कह सके कि वह जो चाहे, राज्य में कर सकता है? क्या वास्तव में ये संभव है?
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ओडिशा-पश्चिम बंगाल बॉर्डर का चेकपोस्ट |
17 अगस्त 2018...रात के 9 बजकर 38 मिनट...ओडिशा-पश्चिम बंगाल बॉर्डर...पूर्बा मेदिनीपुर जिले में दीघा टूरिस्ट प्लेस, जो अपनी सुनहरी रेत के बीच के लिए फेमस है...
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पश्चिम बंगाल के दीघा बीच पर सुबह को एन्जॉय करने टूरिस्ट |
डिप्रेशन में आकर लगा लेते हैं होटल में फांसी
अब यहां रुकने का ठिकाना तलाशा तो फिर असली बंगाल के दर्शन हुए जहां कानून का सख्ती से पालन होता है। दीघा में नियम है कि यहां अकेले शख्स को रुकने की जगह किसी भी होटल, लॉज, धर्मशाला में नहीं मिलती। पहले होटल में जगह तलाशी तो हर जगह पहला ही सवाल था कि अकेले हो तो कमरा नहीं मिलेगा। रात गहरी होती जा रही थी और सुबह निकलना भी था। ऐसे में अब बंगाल के कानून पर कोफ्त होने लगी थी। कम से कम 8 जगह ट्राई करने के बाद ये पता लगा कि पुलिस स्टेशन जाकर एक फरमान लेना होगा, तब जाकर कुछ निश्चित जगह पर आपको महंगे दामों पर रुकने की जगह मिलेगी। एक जगह ये भी ऑफर हुआ कि यहीं एक लड़की ले लो और उसे साथ लेकर रात गुजार लो। कम से कम रहने का ठिकाना तो मिल जाएगा लेकिन इस ऑप्शन पर ध्यान नहीं दिया। बातों ही बातों में ये पता लगा कि बंगाल में गरीबी होने की वजह से जब ग्रामीण क्षेत्र के लोग दीघा में आते हैं तो वह यहां की लाइफ देखकर डिप्रेशन में चले जाते हैं। अकेले होने की वजह से वह फंदा लगाकर जान दे देते हैं। जिस होटल वाले ने मुझसे ये ज्ञान साझा किया, उसके यहां 6 लोग ऐसे ही अकेलेपन से सुसाइड कर चुके थे।
इस टिप्स से पश्चिम बंगाल में बना काम
खैर, पुलिस स्टेशन पहुंचा तो वहां इस नियम पर झुंझलाहट आने लगी लेकिन पुलिस का भी वही कि अगर कोई मर जाएगा तो हम क्या करेंगे...जब अपनी भारत यात्रा का हवाला दिया तो उन्होंने बीच का रास्ता बताया। वहां बैठे एक सिंगल स्टार पुलिसकर्मी ने सुझाव दिया कि बगल में जो होटल है, उसके पास जाकर बस इतना कहना कि मैं थाने से होकर आया हूं और मुझे कमरा चाहिए। इस छोटी सी टिप्स ने पास के होटल में जादू का काम किया और 350 रुपए में एक सड़ा सा कमरा मुझे मिल गया। होटल मालिक ने कागजी खानापूर्ति कराते-कराते ही मेरी बाइक अंदर चढ़ा ली और कहा कि अब रात में सब बंद हो गया है, सुबह कहीं निकलना और शटर का ताला बंद करवा दिया। मैंने कहा कि सुबह से भूखा हूं, भाई खाने तो जाने दो। तो उसने कहा कि अंदर खाना चल रहा है, जो बना है, खा के सो जाओ। 65 रुपए में अंडा करी, रोटी और चावल के साथ भरपेट खाना मिल गया तो सोने में ही भलाई समझी।
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65 रुपए में भरपेट खाना |
(6 सालों में 23,500 किमी की दूरी तय कर 20 राज्यों में मोटरसाइकिल से भारत भ्रमण करने के बाद 'Amazingindia' सीरिज के तहत ये ऑरिजनल कंटेंट है। इसका किसी भी तरह से उपयोग करने पर कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई करने का सर्वाधिकार सुरक्षित)
Well written Shyam Bhai.... First time get to know about this type of rule... Thanks for sharing... Keep it up
ReplyDeleteThanks...Abi to pitara khulna shuru hua hai...Jab ye pura khulega to ek naya bharat aapke samne hoga....
Deleteभाई.....आपका एक्सपीरियंस बहुत से लोगो के काम आएगा।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई